ग्राम भौंरा में 2 सालो के बाद भव्य मैले (जत्रा) का आयोजन किया गया :-

इलाही माता मंदिर में तेल चढ़ाने का कार्यक्रम –

यह कार्यक्रम नवमी (श्रीराम नवमी)के दिन शाम से शुरू होता है, जो की दशमी, एकादशी (ग्यारस), द्वादशी (बारस), तेरस के दिन तक चढ़ता है । इस तरह माई के दरबार में पूरे पांच दिन तक तेल चढ़ाने (बाने बिठाने) का कार्यक्रम चलता है। इस कार्यक्रम में सभी गांव की लड़कियां एवं महिलाएं शाम के समय तेल चढ़ाने जाती हैं और वहीं तेल चढ़ाने के बाद नाचती गाती हैं, और सभी बड़े ही धूम – धाम से इस अवसर का आनंद लेती हैं। इस कार्यक्रम के दौरान मैय्या के दरबार को लाइट और सजावट से बड़ा ही सुन्दर सजाया जाता है वह नजारा मन को प्रफुल्लित करता है, साथ ही नचाई के लिए तीन से चार ढोल रहते है।

तेरस के दिन शाम को मेला लगता है और यह दो दिनों तक रहता है, चतुर्दशी (चौदस) के दिन सुबह के समय माता मंदिर में महाआरती का आयोजन होता है चवदश कि सुबह 5 बजे भंवरा ईलाई माता को पूजा चढ़ाई जाती है जिसमें पूरे गांव का हर व्यक्ति शामिल होता है 🙏🙏🙏 जिसमे सभी महिलाएं दीपक और पूजा की थाल सजाकर ले जाती हैं और बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ आरती का कार्यक्रम पूरा होता है । पूजा चढ़ाते वक्त सभी देवी देवताओं का जयकारा लगाया जाता हैं । सभी महिलाओं से पूजा एकत्रित करके बड़े थाल में लेकर मैय्या की पूजा की जाती हैं या मैय्या के पास चढ़ाया जाता हैं, यह प्रक्रिया आप वीडियो में dekh सकते है।

मैय्या के दरबार में पूजा चढ़ाई गई।
मैय्या का दरबार

मेला (जत्रा ) :-

ग्राम भौंरा में 2 साल के बाद मेला लगा जिसमे सभी लोगो ने खरीददारी की, झूले झूले और साथ ही खाने के लिए आइसक्रीम, बर्फ, लस्सी, मिठाई और तरह तरह के समान थे । मेले में हर तरह के समान के दुकानें थी चूड़ियां, कपड़े, चप्पल जुतिया, बच्चो लिए गुब्बारे, गुड़िया, छोटे छोटे खिलौने, तरह तरह की तस्वीरे और मेकअप , गले के हार, ईयरिंग सभी तरह के दुकानें लगाई गई। हर तरह की दुकानें देखने को मिली।

जुतिया
रात के समय जत्रा

मैले में दिन और रात दोनो समय काफी भीड़ दिखाई दी । सभी लोगो ने मैले का बहुत आनंद लिया और बच्चो ने भी खूब सारी मस्ती की । बच्चो के लिए भी ढेर सारी दुकानें थी जैसे खिलौने, गुब्बारे और झूले आदि।